महामहिम राष्ट्रपती भारत सरकार को लातुर जिल्हाधिकारी के द्वारा भिम आर्मी भारत एकता मिशन का ज्ञापन
सरकारी क्षेत्र के निजिकरण पर रोक ,अन्य निजी क्षेत्र में
महाराष्ट्र २४ आवज
उपसंपादक :-लक्ष्मण कांबळे
लातूर : SC,ST,OBC,Minority को आरक्षण , युवाओं को रोजगार एवं किसान विरोधी विधेयको को रद्द किए जाने के संदर्भ जिल्हाधिकारी लातुर के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन !
अवगत करना चाहते है कि समाज में कल्याणकारी राज्य की स्थापना सुनिश्चित करने के लिए भारतीय संविधान द्वारा समस्त नागरिको को समान अधिकार दिये गए हैं ! साथ ही सदियो से सामाजिक बहिष्कार एवं शोषण के शिकार रहे वंचित समुदाय के लोगो को राष्ट्र के विकास की मुख्यधारा से जोडणे के लिये आरक्षण का प्रावधान किया गया है ! मगर अफसोस की संविधान लागू होने के ईतने वर्ष बाद भी किसी भी विभाग में इन वर्गो के निर्धारित आरक्षण आज तक पुरा नही किया गया ! जिन जिन उपक्रमो/संस्थानो/विभागो मे आरक्षण का प्रावधान नही है, वहा ईन वर्ग का प्रतिनिधित्व शून्य आहे ! क्युकी निजी क्षेत्र मे आरक्षण नही है ! आत: हर एक निजीकरण आरक्षण पर प्रत्यक्षत: हमले के रूप मे देखा जाना चाहिए !
वर्तमान केंद्र सरकार कल्याणकारी राज्य की अवधारणा को छोड कर 'जातीवादी एव पूंजीवादी व्यवस्था' को देश पर थोप रही है जिससे देश के कमजोर, शोषित वंचित वर्ग के लोग लगबग बरबादी के कगार पर खडे हो चुके है ! भाजपा सरकारने उद्योगपती के हवाले रेल्वे, बँक, एलआयसी, ओएनजीसी एव अन्य सभी संस्थानो का निजीकरण करके पूंजीपतीयो के आगे नतमस्तक होने मे व्यस्त है ! दिन प्रति दिन देश की संवैधानिक व्यवस्था खतरे मे होती नजर आ रही है ! इस क्रम में सबसे ज्यादा हमला शिक्षा व स्वास्थ क्षेत्र पर हुआ है ! क्युकी गरीब शोषित वंचित समाज को एक उम्मिद होती है की सरकार उनके लिए कुछ करेंगी, वह भी विकास की मुख्य धारा से जुडेंगे लेकिन अगर इसी गती से निजिकारण की प्रक्रिया चलती रहे तो वह दीन दूर नही जब शासन प्रशासन एव अन्य शेत्रो मे शोषित वंचींत समुदाय की भागीदारी शून्य हो जायेगी और मुठी भर तबके के हाथ में देश कि बागडोर होगी !
निजीकरण के बढती हूई प्रक्रिया का आलम यह है की आज सरकार शासन प्रशासन क्षेत्र मे अधिकारीयो की नियुक्ती लोकसेवा आयोग की परीक्षा से नाही बल्कि लेटरल एन्ट्री के जरिये हो रही है! अन्या क्षेत्र मे भी यही हाल है, काही आउटसोर्सिंग के जरिये नियुक्ती तो कही संविदा के आधार पर नियुक्ती! या खुले तोर पर सरासर शिक्षा व्यवस्था पर हमला है! पूरे देश मे बेरोजगारी के खिलाफ युवा मे गुस्सा है, आक्रोश हैं! मेहनत मजदूरी करके अपने संतानो को पडा रहा है, आज गरीब मा-बाप हताशा का जीवन जी रहे है! नॅशनल क्राईम रेकॉर्ड ब्युरो की २०१९ के रिपोर्ट कहती है की हर साल भर मे करीब ४२००० किसानो ने आत्महत्या कर ली! अपदा के दौर मे किसानो की मदत करने के बजाय सरकार द्वारा किसान विरोधी विधायको के बगैर किसी चर्चा के पास किया जाना सत्ता के निरंकुश ताका प्रमाण आहे! युवाओ की हाकमारी करके पुंजीपतियो के इशारो पर निजीकरण को बढावा देना सरकार के शिक्षा विरोधी चरित्र को दर्शाता है! निजीकरण देश के छात्रो युवोअाे के संघर्ष पर हैं ! इसे हाल में खत्म होना चाहिए.
अत: आजाद समाज पार्टी व भीम आर्मी इस ज्ञापण के माध्यम से राष्ट्रपती महोदय से मांग करती है कि...
१) राष्ट्रहित की भावना को ध्यान में रखते हुए सरकारी संस्थाअाे/उपक्रमो/विभागो का निजीकरण तत्काल प्रभास से रोका जाए,
२) निजी क्षेत्र मे अनुसूचित जाती अनुसूचित जनजाति अन्य पिछडा वर्ग एव अल्पसंख्याक समुदाय अनुप आणुपतिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाए,
३) लॅटरल इंट्री, आउट सोर्सिंग एव संविदां जैसी छात्र विरोधी नितीयो को त्यागकर छात्र, युवोअाे को रोजगार सुनिश्चित किया जाये,
४) सफाईकर्मचारी की अस्थायी नियुक्ती को तत्काल प्रभाव अस्थायी नियुक्ती सुनिश्चित की जाए,
५) वर्तमान सत्र में पास किये गये तीनो किसान विरोधी कृषी विधायको को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए!
महोदय विनम्र अनुरोध है कि हमारी मांगो पर अमोल किया जाए!
निवेदन देते समय भिम आर्मी के महाराष्ट्र प्रदेश संघटक अक्षय धावारे , लातूर जिल्हा प्रमुख विलास अण्णा चक्रे , जिल्हा सचिव बबलू शिंदे , शहर अध्यक्ष बाबा ढगे , शहर महासचिव बबलू गवळे , शहर उपाध्यक्ष आकाश आदमाने , रेणापूर ता.संघटक कार्तिक गायकवाड , सिध्दांत कांबळे , व अन्य भिम आर्मी के कार्यकर्ता उपस्थित थे।